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2011-05-23

Talash - तलाश

आज भी मेरे होँठो के बीच
एक हंसी दबी सी बैठी है,
उसे खिलखिलाती मुस्कराहट बनादे
कुछ ऐसे पल के लिए प्यासा हूँ।

आज भी मेरे कानो में
एक मीठी सी धुन गुनगुनाती है,
उस धुन को सुरीला गीत बनादे
ऐसे लब्ज़ोँ के इंतज़ार में हूँ।

आज भी बंद आँखोँ में
कई सारे सहमे से सपने हैं,
उन्हें सच करने की हिम्मत दे
उस भरोसे के लिए तरसता हूँ।

आज भी दिल के किसी कोने में
कई अरमान छिपाके रक्खे हैं,
उन अरमानो को पंख फैलाये उड़ने दे
एक ऐसे आसमान को खोजता हूँ।

आज भी ज़िन्दगी के किताब में
कई कोरे पन्ने बाकि पड़े हैं,
उन पन्नो को सजाने के लिए
कहानियोँ के तलाश में भटकता हूँ।

ये तलाश आज तुम्हारे पास है ले आई
तुम, जिसने मेरे गीतोँ में लब्ज़ दिए,
भरोसा दिया मेरे हर इरादे को
मेरे दिल के सारे अरमान पुरे किये।

तुम से है मेरी ज़िन्दगी की शुरुआत
और तुम्ही पे आके ख़तम होती है,
तुम्हारे बिना अधुरा ये जीवन मेरा
उन कोरे पन्नो में कहानी तुम्हे ही लिखनी है।

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