পূর্ণ হয়েছে সব চাহিদা,
কিছুই তো নেই বাকি;
তবু কেন আজ ব্যথিত হৃদয়,
অশ্রু ভেজা আঁখি?
पूरे हुए अरमान सारे,
कुछ नहीं है कम;
फिर भी क्यूँ ये दर्दे-दिल,
आँखे क्यूँ है नम?
Desires are all fulfilled,
Nothing more to get;
Why then the wrenched heart,
Why the eyes are wet?
কিছুই তো নেই বাকি;
তবু কেন আজ ব্যথিত হৃদয়,
অশ্রু ভেজা আঁখি?
पूरे हुए अरमान सारे,
कुछ नहीं है कम;
फिर भी क्यूँ ये दर्दे-दिल,
आँखे क्यूँ है नम?
Desires are all fulfilled,
Nothing more to get;
Why then the wrenched heart,
Why the eyes are wet?
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